iCED Internship 2025: Environment Audit & Sustainability में अनुभव प्राप्त करें

iCED Internship 2025

Last Updated on July 29, 2025 by Akash

क्या आपने कभी सोचा है कि सरकारें पर्यावरण की निगरानी और ऑडिट कैसे करती हैं? 🌿
मैंने भी जब ये सवाल खुद से किया, तो मुझे पता चला iCED के बारे में — यानी International Centre for Environment Audit and Sustainable Development.

ये सिर्फ एक सरकारी प्रशिक्षण केंद्र नहीं है, बल्कि एक ऐसा national & international knowledge hub है, जहां पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की असली नींव रखी जाती है। और खास बात ये है कि ये भारत सरकार के Comptroller and Auditor General (CAG) द्वारा संचालित होता है।

iCED क्या है?

iCED (International Centre for Environment Audit and Sustainable Development) की स्थापना भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा की गई थी। यह केंद्र जयपुर, राजस्थान में स्थित है और इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी।

iCED का उद्देश्य है:

  • पर्यावरण ऑडिट के लिए विशेष प्रशिक्षण देना
  • सार्वजनिक नीतियों के पर्यावरणीय प्रभाव को समझना
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास के मुद्दों पर शोध को बढ़ावा देना
  • सरकारी अधिकारियों को climate accountability और green audit सिखाना

iCED की विशेषताएं

  1. State-of-the-art Campus: iCED का परिसर 16 एकड़ में फैला हुआ है और यह पूरी तरह से पर्यावरणीय मानकों के अनुसार बना है।
  2. Eco-friendly Architecture: इसकी इमारतें GRIHA रेटिंग प्राप्त हैं, जिससे यह खुद एक sustainable structure बनता है।
  3. Smart Classrooms और Residential Facility: यहां पर आने वाले अधिकारियों और पर्यावरण विशेषज्ञों को अत्याधुनिक सुविधा के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।
  4. Library और Research Lab: iCED में dedicated research spaces और पर्यावरण नीति संबंधित पुस्तकालय है।

क्यों जरूरी है iCED?

आज के समय में पर्यावरणीय संकट — जैसे climate change, जलवायु असंतुलन, प्रदूषण और जल संकट — हमारी प्राथमिकता में होने चाहिए।

iCED इन मुद्दों पर केवल training नहीं देता, बल्कि:

  • Policy-makers को scientific decision-making सिखाता है
  • Auditors और Officers को environment-focused governance की तकनीकें सिखाता है
  • और sustainable development goals (SDGs) को practically लागू करने की प्रक्रिया को मजबूत करता है

कौन लोग इसमें भाग ले सकते हैं?

iCED मुख्य रूप से निम्नलिखित को ट्रेन करता है:

  • Indian Audit & Accounts Department (IA&AD) के अधिकारी
  • State Audit Institutions
  • SAARC और अन्य developing nations के environment auditors
  • पर्यावरण पर कार्य कर रहे research fellows और consultants

iCED में होते हैं कौन-कौन से Training Program?

  1. Environmental Audit Training
  2. Performance Audit on Natural Resources
  3. Training on SDGs Monitoring and Reporting
  4. Workshops on Climate Risk Assessment
  5. Public Policy Evaluation related to Environment

iCED का अंतरराष्ट्रीय महत्व

iCED ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि SAI (Supreme Audit Institutions) के लिए एक global knowledge hub है।
यह INTOSAI WGEA (Working Group on Environmental Auditing) का हिस्सा है और अन्य देशों को भी मार्गदर्शन देता है।

भविष्य में इसकी भूमिका और भी बड़ी क्यों है?

🌏 जब जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हों, ऐसे समय में iCED की भूमिका सिर्फ ट्रेनिंग देने तक सीमित नहीं रह जाती।

  • यह आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और संतुलित भविष्य देने में सीधा योगदान दे रहा है
  • साथ ही यह भारत को एक Global Environmental Leadership की दिशा में ले जा रहा है

मेरी सलाह (Action-Driven Conclusion)

अगर आप एक researcher, policy enthusiast, environment scholar या सरकारी अधिकारी हैं, तो आपको iCED से जुड़ने का प्रयास जरूर करना चाहिए।

iCED न केवल ज्ञान देगा, बल्कि आपको एक ऐसे नेटवर्क से जोड़ेगा जहां से आप भारत और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सुधारों का हिस्सा बन सकते हैं।

👉 अधिक जानकारी के लिए आप iCED की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।

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