ऐसे आधार कार्ड वालों को होगी 3 साल की जेल और लगेगा ₹1 लाख जुर्माना Aadhar card holder

Last Updated on July 25, 2025 by Chandan Saini

Aadhar card -भाई, ये तो बस एक आईडी है न।” लेकिन यहीं सबसे बड़ी गलती होती है। आधार अब केवल एक पहचान-पत्र नहीं है, ये आपकी डिजिटल पहचान, आपकी वित्तीय पहुंच, और सरकारी योजनाओं की चाबी बन चुका है।

और अगर आप इस पहचान के साथ लापरवाही करते हैं, या जानबूझकर गलत जानकारी देते हैं – तो ये केवल एक भूल नहीं, कानूनी अपराध बन सकता है। चलिए मैं आपको समझाता हूँ क्यों और कैसे।


आधार कार्ड में गलत जानकारी देना सिर्फ लापरवाही नहीं, अपराध है

आधार बनवाते वक्त अगर कोई व्यक्ति झूठी जानकारी देता है – जैसे कि फर्जी नाम, जन्म तिथि, पता या किसी और का नंबर – तो यह आधार अधिनियम, 2016 के तहत दंडनीय अपराध बन जाता है।

मैंने खुद देखा है कि कई लोग दूसरों की जानकारी या जाली दस्तावेज़ का सहारा लेकर फर्जी आधार बनवाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब ज़माना बदल गया है। UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने नियम इतने सख्त कर दिए हैं कि अब किसी भी धोखाधड़ी की संभावना बेहद कम है – और पकड़े जाने पर अंजाम गंभीर।


कौन-कौन सी गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आती हैं?

यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आधार से जुड़े कौन-से कृत्य अब कानून के खिलाफ हैं:

  • जानबूझकर गलत जानकारी देकर आधार बनवाना
  • किसी और की पहचान का उपयोग करना
  • फर्जी या जाली दस्तावेजों का सहारा लेना
  • किसी अन्य व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी चुराकर उसका उपयोग करना
  • आधार डेटा का बिना अनुमति उपयोग या शेयर करना
  • अवैध वेबसाइट या ऐप्स से आधार से जुड़ी जानकारी साझा करना

इनमें से कोई भी एक गलती अगर आप करते हैं, तो ये आपके लिए बेहद महंगी साबित हो सकती है।


आधार अधिनियम, 2016 के तहत सजा क्या है?

मैंने UIDAI के नियमों को विस्तार से पढ़ा और पाया कि अधिनियम की धारा 38 और 39 इस पर विशेष रूप से ध्यान देती हैं:

  • धारा 38: जानबूझकर गलत जानकारी देने या आधार का दुरुपयोग करने पर ₹10,000 से ₹1,00,000 तक जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है।
  • धारा 39: अगर कोई आपकी जानकारी को आपकी अनुमति के बिना इस्तेमाल करता है या उसे शेयर करता है, तो उस पर भी तीन साल की जेल और जुर्माना लग सकता है।

मैं यही कहना चाहूँगा – यह सिर्फ “रूल ब्रेक” नहीं है, ये साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है।


साइबर अपराधों में IT अधिनियम के तहत भी सजा

अगर कोई व्यक्ति आधार के डिजिटल डेटा का गलत उपयोग करता है – जैसे कि हैकिंग, डेटा चोरी, या फिशिंग – तो इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) के तहत भी अलग से कार्यवाही हो सकती है।

मुझे लगता है कि डिजिटल इंडिया को सुरक्षित बनाए रखने के लिए ऐसे कड़े कदम ज़रूरी हैं। और अगर हम सतर्क रहें, तो इनसे बचा भी जा सकता है।


क्या करें ताकि आधार से जुड़ी आपकी सुरक्षा बनी रहे?

यहाँ मैं आपके साथ वो सावधानियाँ साझा करना चाहता हूँ जो मैं खुद अपनाता हूँ:

  1. हमेशा सही जानकारी ही दें – फॉर्म भरते समय कोई जल्दबाज़ी या गलतफहमी न रखें।
  2. किसी को भी अपनी आधार कॉपी न दें, खासकर किसी संदिग्ध एजेंट को।
  3. फर्जी कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें – UIDAI कभी भी OTP या आधार नंबर फोन पर नहीं मांगता।
  4. अपने आधार की एक्टिविटी की निगरानी करें – mAadhaar ऐप या UIDAI की वेबसाइट से।
  5. बायोमेट्रिक लॉक को ऑन रखें – इससे आपके फिंगरप्रिंट या आईरिस का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।

किसी दिक्कत की स्थिति में शिकायत कहाँ करें?

यदि आपको शक हो कि किसी ने आपके आधार का गलत उपयोग किया है, तो घबराने की बजाय तुरंत ये कदम उठाइए:

  • UIDAI हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल करें (24×7 सुविधा)
  • UIDAI को ईमेल करें: help@uidai.gov.in
  • अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं
  • साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें: https://cybercrime.gov.in

याद रखिए, जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे, समाधान उतनी ही जल्दी मिलेगा।


जागरूकता फैलाना क्यों ज़रूरी है?

आज जब आधार हर सरकारी योजना, बैंकिंग और KYC का हिस्सा है, तो हमें न केवल खुद जागरूक रहना है, बल्कि दूसरों को भी सजग करना है। मैं अपने घर में, खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों को सिखाता हूँ कि किसी भी दस्तावेज़ की कॉपी या जानकारी कहाँ, कब और कैसे शेयर करनी है।

स्कूल, कॉलेज, और पंचायत स्तर पर ऐसे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए ताकि लोग जालसाजों के शिकार न बनें।


निष्कर्ष – आपकी पहचान की सुरक्षा, आपके ही हाथों में है

मैं यही कहना चाहता हूँ कि आधार अब सिर्फ एक कागज़ नहीं, आपकी डिजिटल पहचान है। इसका सम्मान करें, और इसकी सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएं। अगर आप सावधानी रखते हैं, तो ना सिर्फ आप खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि देश की डिजिटल संरचना भी मज़बूत होगी।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सार्वजनिक जागरूकता के लिए है। किसी भी कानूनी या तकनीकी कदम से पहले UIDAI या विशेषज्ञ सलाह ज़रूर लें।

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